एसिडिटी उपचार(Acidity treatment in Hindi):-
आज के दिनचर्या और खान पान को देखते हुआ अम्लता या एसिडिटी एक बुहत ही सामान्य रोग| घंटो कंप्यूटर के सामने बैठे रहना, व्यायाम ना करना, समय से भोजन ना करना, रात में देरी से सोना, सुबह देरी से उठना ये कुछ सामान्य कारण है जिसकी वजह से ये रोग होता है |
असल में अम्लता बढ़ने का मुख्य कारण है भोजन ठीक से ना पचना|अगर आपको एसिडिटी अधिक रहती है तो सावधान हो जाइये | ये एक गंभीर रोग का संकेत है | अक्सर एसिडिटी का कारण किसी और रोग से भी देखा गया है | जैसे की – जिनको हर्निया की शिकायत होती है उन्हें भी एसिडिटी बुहत होती है | जानिए हर्निया में क्या खाना चाहिए?
रक्त में 20%अम्ल तथा 80% क्षार होती है | जब रक्त में अम्ल का अनुपात बढ़ता है तो यह अम्ल पाकस्थली को प्रभावित कर अम्लता रोग उत्पन्न करता है |
जब रोगी कहे के उसकी छाती में जलन हो रही है, कंठो तक खट्टा पन प्रतीत होता है, तो उससे अम्लता का रोगी निदान माना चाहिए | बदहजमी या अपच में भी इसी प्रकार के लक्षण होते है | ऐसी स्तिथि में क्षार पदार्थो का सेवन लाभदायक होता है
इस रोग में रोगी को आलस्य, भोजन करने के बाद खट्टी डकार, छाती और गले में जलन, कब्ज़, पेट दर्द, अरुचि आदि लक्षण प्रकट होते है |
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बीड़ी सिगरेट पीने वाले व्यक्तियों में ये रोग अधिक देखा जाता है |
स्वस्थ रहने के लिए धूम्रपान नहीं करना चाहिए|
रात में भूख से कम खाना खाएँ | खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहले एवं रात में ढीले कपड़े पहन कर सोएँ, साथ ही चाय, कॉफ़ी, तली हुई एवं अम्लीय वस्तु का सेवन कम करें |
आइयें जानते है एसिडिटी का घरेलु उपचार:-
- फालसा – एसिडिटी के रोगियों को फालसों का सेवन अधिक करना चाहिए इससे एसिडिटी में आराम मिलता है |
- आलू – आलू की प्रकृति क्षारिये होती है | इसमें पोटैशियम साल्ट होता है जो अम्लता को कम करता है | अम्लता के रोगी भोजन में नियमित आलू खा कर अम्लता को दूर कर सकते है | आलू सेका हुआ या उबला हुआ ही ले |
- गाजर – सर्दियों में गाजर का रस अम्लता ठीक करता है |
- दूध – जिन्हें अम्लता यानि एसिडिटी की शिकायत रहती है उन्हें दिन में तीन बार दूध पीना चाहिए |
- लौंग – सुबह शाम भोजन के बाद 1-1 लौंग खाने से लाभ होता है |
- नारियल – हरा नारियल का पानी पीना इस रोग में उत्तम लाभ पहुँचाता है |
- मूली – गर्मियों में मूली का रस मिश्री के साथ मिलाकर पीने से खट्टे डकार में आराम मिलता है |
- रस गुल्ला – अगर आपको अम्लता का रोग है तो आपको नित्ये सुबह खली पेट एक रस गुल्ला या एक मीठा पेठा खाना चाहिए आपको लाभों होगा | याद रखे अगर आपको मधुमेह है तो इस उपाय ना करें | ऐसी स्तिथि में चिकित्सक की सलाह ले |
- जीरा – जीरा, धनिया और मिश्री तीनों सामान मात्रा में पीस कर मिला कर दो-दो चम्मच सुबह शाम खाने के बाद फाँकी लेने से अम्लपित्त ठीक हो जाती है |
- अजवाइन – पिसी हुई अजवाइन एक चम्मच, एक गिलास पानी, एक नीबू का रस मिला कर पीने से अम्लपित्त में लाभ होता है |
भोजन में हलके पदार्थ, चावल, मूँग की दाल, घीया, तोरई, परवल, टिंडे आदि सब्जियां खानी चाहिए |
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गैस एसिडिटी मेडिसिन
आयुर्वेदिक औषधि – धन्वंतरि की ACIDON नामक दवाई जो आपको किसी भी आयुर्वेदिक दुकान पे मिल जाएगी | भोजन के बाद एक गोली ले आपको आराम मिलेगा|
त्रिफला चूर्ण – अम्लता के रोगियों को रात में गर्म दूध के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लेके सोना चाहिए | इससे सुबह पेट अच्छे से साफ़ हो जाता है तथा एसिड भी कम बनता है
एसिडिटी में परहेज़:-
चाय कॉफ़ी – अगर आपको अम्लपित्त की समस्या अधिक है तो चाय और कॉफ़ी का सेवन तुरंत बंद कर दे वरन कोई भी वैद या डॉक्टर आपको ठीक नहीं कर पायेगा