मटर एक दलहन है, जिससे आप लोग अच्छे से परिचित होंगे | मटर का इस्तेमाल कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में किया जाता है | ठंड के मौसम में तो मटर के बिना शायद ही कोई सब्जी बनाई जाती होगी | सच यह है की मटर सभी लोगों को पसंद होता है, और लोग इससे बुहत पसंद से खाते है | मटर से सिर्फ सब्जी ही नहीं बनाई जाती हैं, बल्कि मटर का सेवन दाल, पराठे आदि अन्य आहार में भी किया जाता है | इसके अलावा और भी मटर के फायदे है |
मटर क्या है ?(What is Green peas)
मटर के पौधे के तने में खोखलापन होता है |मटर के पत्ते बड़े आकार होते हैं | मटर की फली(Green Peas) लंबी होती है, जिसमें बुहत सारे बीज होते हैं |
यह मधुर होने के साथ वातकारक भी है | इसलिए वात से संबंधित विकार को ठीक के लिए मटर से बने अलग-अलग आहार, जैसे – सोंठ, दालचीनी, काली मिर्च, अदरक तथा लहसुन आदि का सेवन किया जाता है|
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मटर खाने के फायदे:-
आयुर्वेद में ऐसा ही बताया गया है | पतंजलि के अनुसार, मटर में अनेक प्रकार के पौषक तत्व हैं | जो आपके शरीर के लिए फायदेमंद साबित होते हैं | मटर के उपयोग से आप शरीर की जलन, खून सम्बंधित विकार, सांसो के रोग, खांसी, भुख की कमी का इलाज कर सकते हैं | डायबिटीज, कुष्ठ रोग, चेचक जैसी कई बिमारियों में भी आप मटर का लाभ पा सकते हैं |
मटर का औषधीय प्रयोग कैसे कर सकते हैं, औषधीय प्रयोग की मात्रा क्या होनी चाहिए और इसकी विधियां क्या हैं :-
- सौंदर्य बढ़ाने के लिए मटर का इस्तेमाल (Benefits of Matar for Glowing Skin):- कई लोग, या फिर महिलाएं प्रायः अपना सौंदर्य बढ़ाने के लिए, पता नहीं कितने प्रकार के उपायों को आजमाती हैं | ऐसे में आप मटर का प्रयोग कर सौंदर्य लाभ ले सकते हैं | भुनी हुई मटर, तथा नारंगी के छिलकों को दूध में पीस लें | आपको इस उबटन को शरीर पर लगाना है | इससे आपकी त्वचा में निखार आता है
- भूख को बढ़ाने के लिए मटर का उपयोग :- कई लोग भूख की कमी होने की शिकायत करते हैं | ऐसे लोग हरी मटर का लाभ ले सकते हैं | हरी मटर में अरहर, दालचीनी तथा इलाइची मिला लें | इसका जूस बना लें | इसका सेवन करने से भूख बढ़ जाती हैं
- घाव सुखाने के लिए मटर का प्रयोग :- घाव को सुखाने के लिए मटर का इस्तेमाल बुहत लाभ पहुंचाता है | आप मटर, मसूर , गेहूँ तथा छोटी मटर को बराबर-बराबर मात्रा में मिला लें | इसे पीस लें, और लेप के रूप में घाव पर लगाएं | इससे घाव से होने वाली पीड़ा तो ठीक होती ही है, साथ ही कच्चा घाव जल्दी पक जाता है, तथा घाव का मवाद या पीव आसानी से बाहर निकल जाता है|
- त्वचा रोग में फायदेमंद मटर का इस्तेमाल :-आप त्वचा रोग में भी मटर का प्रयोग लाभ लें सकते हैं | सबसे पहले आप मटर का काढ़ा बनाएं, फिर इससे त्वचा पर जहां विकार हैं, वहां धोएं | इससे त्वचा विकारों में फायदा होता है|
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कोलेस्ट्रॉल कम करने में मटर के फायदे :- पाचन तंत्र में स्वस्थ न होने के कारण शरीर में अत्यधिक आंव की उत्पति होती हैं | मटर में रोचक गुण होने के कारण यह शरीर में जमे आंव या अन्य विशुद्धियों को बाहर निकलने में मदद करता है जिससे कोलेस्ट्रॉल को सामान्य बनाये रखने में सहयोग मिलता है| साथ ही इसमें फाइबर अधिक पाए जाने के कारण भी यह पाचन को सवस्थ कर कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है - कैंसर रोग में मटर के फायदे :- मटर में एंटी कैंसर गुण पाए जाने के कारण यह कैंसर में भी लाभदायक होती है | एक रिसर्च के अनुसार इसमें ऐसे पोषक तत्व पाए जाते है जो की कैंसर के लक्षणों को कम करने में सहयोगी होता है|
- हड्डियों की बिमारियों में मटर के लाभ :- हड्डियों के बीमारी में मटर लाभदायक होती है, क्योंकि इसमें कैल्शियम की भरपूर मात्रा उपस्थित होती है|
- चेहरे से झाइयां हटाने के लिए मटर का उपयोग :- एक रिसर्च के अनुसार मटर में एंटी रिंकल और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जो की चेहरे की झाइयों को हटाने में मदद करते है| साथ ही इसमें कषाय गुण होने के कारण यह त्वचा के लिए लाभदायक होती है|
- स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मटर के फायदे :- एक रिसर्च के अनुसार मटर में अल्फा लीनोलीक एसिड, पयसमसैपोनिन्स और विटामिन बी, सी और ई पाये जाते हैं जिसके कारण ये स्मरण शक्ति बढ़ाने में भी मदद करती है
- आग से जलने पर मटर का प्रयोग :- अगर कोई व्यक्ति आग से जल गया है, उससे जलन तथा पीड़ा हो रही है, तो उसे जले हुए अंग पर मटर का उपयोग करना चाहिए है | हरी कोमल मटर को पीस लें, और इसे जले हुए अंग पर लगाएं | इससे लाभ होता है|
- सूजन की समस्या में मटर का उपयोग – सूजन का उपचार करने के लिए भी मटर का उपयोग किया जाता है | ठंड के मौसम में जिस किसी व्यक्ति की उँगलियों में सूजन आ जाती है, वे सबसे पहले मटर का काढ़ा बना लें| इस काढ़े में सरसों का तेल मिला लें | इससे सूजन वाली उँगलियों को धोएं | सूजन ठीक हो जाती है |
- पित्त और कफ विकारों में मटर का उपयोग :- पित्त और कफ विकारों में मटर का इस्तेमाल करना लाभदायक होता है | सुखी मटर, सोयाबीन, चना, गेहूं लें | इसमें थोड़ी मात्रा में तिल मिला लें | इसका आटा बनाकर प्रयोग करें | यह बुहत ही पौष्टिक होता है | इससे पित्त और कफ विकारों में लाभ होता है |
- मटर का सेवन पाचनतंत्र विकार में फायदेमंद :- जो लोग पाचनतंत्र विकार से परेशान रहते हैं, और भोजन के ठीक से पचने की समस्या रहती हैं, वे लोग मटर का प्रयोग कर सकते हैं | हरी मटर में अरहर, दालचीनी तथा इलायची मिलाओ | इसका जूस बना लें | इसका सेवन करने से भोजन सही से पचता हैं
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