डरावने चित्र, चिन्ता, सिर दर्द के उपाय, रूसी, विषय भोगों में अत्यधिक आसक्ति से नेत्र दृष्टि दुर्बल होती है | नेत्र दृष्टि चाहे पास की हो या दूर की, चिन्ता और मानसिक तनाव से कमजोर होती है | दृष्टि कमजोर होते ही तुरंत चश्मा नहीं लें | नेत्रों को आराम दें | नेत्र–शक्ति बढ़ाने का प्रयास करें |
नेत्र ज्योति बढ़ाने के लिए दिन में आँखों के चारों तरफ चेहरे पर सुखी मालिश करें अथार्त चिकनाई न लगायें | रात को सोते समय ललाट पे घी की मालिश करें
कटी स्नान – कटी स्नान करने से नेत्र दृष्टि बढ़ती है|
सूर्य दर्शन – सूर्योदय के समय, सूर्य के सामने खड़े होकर हाथों की अँगुलियाँ आँखों पर इस तरह से रखें की जाली सी बन जाये, जिसमें से सूर्येकिरणे आँखों पर पड़े | इस प्रकार 10 मिनट सूर्य दर्शन करके ठंडे पानी से नेत्र धोकर चेहरे की मालिश करें | प्रतिदिन शाम को जब धुप तेज ना हो आँखे बंद करके सूर्य के सामने बैठ जायें तथा शरीर को बाएं से दाये और दाये से बायें घुमायें | ऐसा नित्य 20 मिनट तक करें | फिर आँखों को ठंडे पानी से धोयें | इससे नेत्रों को आराम मिलता है तथा नेत्र स्वस्थ रहते है
चंद्र दर्शन – हर पूर्णमासी की रात को 15 मिनट चंद्र दर्शन करें | दिन में कई बार आँखे बंद करके ठंडे पानी से छींटे दें | साफ मोटे कपड़े की चार पर्त करके ठंडे पानी से भिगोकर आँखों पर रखें | गर्म पानी पर हटा दें | यह दिन में कई बार करें | इस क्रिया से नेत्र स्वस्थ रहेंगे ; आँखों में कोई भी रोग हो , इन क्रियाओं से लाभ होगा |
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फूलगोभी – गोभी का रस पीने से आँखों की कमजोरी दूर होती है | एवं
परवल – परवल का साग नेत्र रोगों में हितकारी है |
आँवला – आँखों के आगे अँधेरा आता हो तो आंवले का रस पानी में मिलाकर सुबह–शाम चार दिन पीने से लाभ होता है|
प्याज – इसके निरन्तर प्रयोग से नेत्र दृष्टि बढ़ती है | रस को गुलाब जल में मिलाकर आँखों में डालने से नेत्र ज्योति बढ़ती है | धुंध, जाला, गुबार और मोतियाबिन्द दूर हो जाते हैं | यह अनुभूत औषधि हैं |
दूध – ताज़ा दूध छानकर बिना गर्म किये मिश्री या शहद, भीगी हुई 20 किशमिश खाकर इनका पानी मिलाकर चालीस दिन पीने से नेत्र ज्योति बढ़ती है|
टमाटर – अल्प दृष्टि में टमाटर लाभदायक है | इसके रस का एक गिलास नित्य पियें |
गाजर – गाजर और पालक प्रत्येक का रस 125 ग्राम मिलाकर पियें | इससे नेत्र ज्योति बढ़ेगी |
गेहूँ – गेहूँ के पौधे का रस पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती है | यह 40 दिन लें
घी – नेत्र ज्योति बढ़ाने हेतु घी और मिश्री मिलाकर खायें | घी खाना भी आँखों के लिए उपकारी है | हृदय रोगी यह नहीं खायें | एक चम्मच गर्म घी में दस काली मिर्च पीसकर मिला लें और प्रातः पि जायें | इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है | लम्बे समय तक पीते रहने से चश्मा उत्तर जाता है |
सरसों का तेल – पैरों के तलवों में सरसों के तेल की मालिश करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है |
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बादाम – 10 बादाम रात को भिगो दें | सुबह छिलका उतार कर 12 ग्राम मखन और मिश्री मिला कर एक–दो माह खाने से नेत्र ज्योति तेज हो जाती है | 40 दिन तक 7 बादाम, मिश्री, सौंफ – ये दोनों दस–दस ग्राम पीसकर रात को गर्म दूध से लेने से नेत्र ज्योति तेज हो जाती है |इसके बाद रात भर पानी ना पियें | इससे चश्मा लगाने की आवश्यकता नहीं रहेगी |
सौंफ – भोजन के सौंफ खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है | आधा चम्मच पीसी हुई सौंफ, एक चम्मच शकर मिलाकर दूध से फंकी लें | नेत्र ज्योति बढ़ेगी |
काली मिर्च – घी, काली मिर्च, मिश्री मिलाकर चांटे | इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है | पीसी हुई काली मिर्च घी मिलाकर चांदनी रात में खुला हुआ रखें | यह आधा चम्मच नित्य खाएं
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धनिया – हरा धनिया अकेले और आँवले के साथ पीसकर खाने से आँखों की कमजोरी दूर होती है, ज्योति बढ़ती है |
निम्बू – 9 भाग छोटी मक्खी का शहद, 1 भाग अदरक का रस, 1 भाग निम्बू का रस और एक भाग सफ़ेद प्याज़ का रस – सब मिलाकर छानकर एक बून्द सुबह–शाम लम्बे समय तक आँखों में डालते रहने से मोतियाबिंद दूर हो जाता है | इसमें 9 की जगह 12 भाग गुलाब जल डालकर नित्य इसी प्रकार डालते रहने से नेत्र ज्योति बढ़ती है, चश्मा हट जाता है
पालक – पालक का रस पीने से नेत्र ज्योति बढ़ती है |