गाजर
गाजर एक ऐसी सब्जी है जो प्रायः सारे भारत में पैदा होती है। इसकी फसल दिसम्बर से अप्रैल तक होती है। यह गरीब और अमीर दोनों के लिए एक सुलभ खाद्य पदार्थ है। गाजर में अनेक औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह कच्ची से लेकर साग-सब्जी के रूप में खाई जाती है।
गाजर के विभिन्न नाम :-
गाजर के विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नाम प्रचलित हैं। जैसे- संस्कृत में गुंजन, हिन्दी में गाजर, मराठी में सेठी मूल या बाटुला मूल, गुजराती में माजर, बंगला में गाजर, तेलगू में गूंजन तथा अंग्रेजी में कैरोट रूट (Carrot-Root)।
गाजर कंद भी है और शंकरकंद थी। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जड़ होने के बाद भी यह मीठा फल है। कुछ लोग गाजर को अन्य फलों के साथ चाट या सलाद के रूप में भी खाते हैं। यह हल्की तथा सुपाच्य होती है जो शरीर में पहुंचकर व्यक्ति को स्वस्थ बनाती है।
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पोषक तत्त्व :-
यदि हम 100 ग्राम गाजर लें तो उसमें उसमें 86.9 ग्राम जल, 0.9 ग्राम प्रोटीन, 0.2 0.2 ग्राम वसा, 10.6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स, 1.2 ग्राम तन्तु तथा 87. कैलोरी प्राप्त होंगी। इसमें विटामिन ए, आई, यू, थियामिन, निकोटीन एसिड, विटामिन सी आदि भी पाया जाता है। इसके अतिरिक्त लौह, कैल्शियम, फास्फोरस, मैगनीशियम, सोडियम, सल्फर आदि तत्त्व भी पाए जाते हैं। साथ ही शर्करा, कैरोटीन, पैक्टीन, लिग्निन (Lignin), लवण, सिनिओल (Cineol) जैसे गुणकारी पदार्थ भी पाए जाते हैं।
गाजर खाने के फायदे :-
गाजर में पाए जानेवाले खाद्य तत्त्वों की अपनी अलग ही महिमा है। जैसे विटामिन ‘ए’ शारीरिक विकास तथा आंखों के लिए बहुत उपयोगी है। विटामिन ‘सी’ की कमी से स्कर्वी रोग हो जाता है। जिसमें दाँत दर्द का का उपचार तथा मसूड़ों से रक्त तथा पीव आने लगता इसमें विटामिन ‘ए’ गाय तथा भैंस के दूध से 10 गुना अधिक पाया जाता है। केवल 100 ग्राम गाजर का नित्य सेवन करने से प्राप्त किया जा सकता है | पौष्टिकता की दृष्टि से गाजर को दूध के सामान मन जाता है | जो लोग मछली का प्रयोग दुर्गन्ध की वजह से न कर पाते हों उनको गाजर खाकर विटामिन “ए” प्राप्त करना चाहिए |