कैल्सियम शरीर के कुल कैल्सियम का लगभग 99 प्रतिशत भाग हड्डियों और दाँत दर्द का उपचार में ही होता है। कैल्सियम के सही ढंग से चयापचय और शोषण के लिए विटामिन डी आवश्यक है।
शरीर में एंन्जाइमों की सक्रियता के लिए कैल्सियम अत्यावश्यक है। इसी के कारण स्नायुओं के संकोचन के लिए ऊर्जा उपलब्ध होती हैं। मानसिक परेशानी एवं तनाव से कैल्सियम का शोषण करने की शारीरिक क्षमता में विक्षेप पड़ता है।
55 वर्ष की आयु अज्ञात कारणों से हड्डियों में से कैल्सियम कम होने लगता है; इस कारण हड्डियों की घनता (osteoporosis) कम हो जाती है।
इसीलिए डॉ. एन. आर. यूरिस्ट सलाह देते हैं कि प्रौढ़ावस्था में हर किसी को रोजाना अपने शारीरिक वजन के प्रति किलो के हिसाब से 1 ग्राम कैल्सियम, 1000 अन्तरराष्ट्रीय इकाई प्रजीवक विटामिन ‘डी’ और 1 से 2 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए।
कैल्सियम सूजन और रक्तस्राव को रोकता है। इसकी कमी से हड्डियाँ नरमा पड़ जाती हैं, रक्त का दौरा मंद पड़ जाता है और रक्त गाढ़ा होने की क्षमता भी क्षीण हो जाती है।
मेथी, सहिजन, पत्तोंवाले साग, चुकन्दर, अंजीर, अंगूर, तरबूज, दूध, सूखा मेवा, बाजरा, तिल का तेल के फायदे, उड़द आदि में कैल्सियम काफी मात्रा में होता है।