पिस्ता (PISTACHIO) खाने के फायदे
पिस्ता का लेटिन नाम – पिस्टेसिया वेरा (Pistacia vera)
पिस्ता की प्रकृति – तर और गर्म ।
पिस्ता छिलके सहित खाने से अधिक लाभ होता है।
आमाशय के रोगों में छिलके सहित खाना विशेष लाभप्रद है।
पिस्ता रक्तशोधक, धातुदौर्बल्य दूर करने वाला, पचने में भारी और शक्तिवर्धक होता है। पिस्ता खाने से हृदय, मस्तिष्क, आमाशय को शक्ति मिलती है।
पागलपन, उल्टी का इलाज , यकृत बढ़ने और मर्दानाशक्ति बढ़ाने में लाभदायक है। पिस्ता अन्य मेवों के साथ खा सकते हैं। पिस्ता आमाशय को ताकत देने वाला सर्वोत्तम पदार्थ है।
गुर्दे की कमजोरी दूर करता है। पिस्ता ज्यादा खाने से पित्ती निकल आती है।
पाचन शक्तिवर्धक –
छिलके सहित पिस्ता खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है मसूढ़े मजबूत होते हैं और मुँह बदबू नहीं आती। गुर्दों को ताकत मिलती है। पिस्ते में विटामिन ‘ई’ बहुत होता है। मस्तिष्क की दर्बलता को दूर करता है। हृदय की धड़कन कम करता है।
पिस्ते और बादाम के साथ अंजीर खाने से स्मरण शक्ति और बुद्धि का विकास होता है।
रक्तचाप (Blood pressure) –
दस पिस्ते रात को पानी में भिगो दें। प्रातः पानी को फेंक दें तथा पिस्ता निकालकर छिलके सहित खूब चबायें और फिर ताजा पानी पियें। पानी की घूँट मुँह में लेकर कुल-कुलाकर निगल जायें, जिससे चबाने से दाँतों में लगी पिस्ता पेट में पहुँच जाये। पानी केवल आधा गिलास या इससे कम ही पियें। इसके बाद आधा घण्टे तक कुछ नहीं खायें। रक्तचाप चाहे उच्च (Hypertension) हो या निम्न (Hypotension), ठीक हो जायेगा। जब तक पिस्ते का सेवन इस प्रकार करते रहेंगे, रक्तचाप ठीक रहेगा। लम्बे समय तक सेवन करते रहने से कोई हानि नहीं होती। यह अनुभूत नुस्खा लम्बे समय से इसी प्रकार पिस्ते का सेवन कर रहे व्यक्ति ने आत्मविश्वास के साथ इसके लाभ का अनुभव करके बताया है।
कोलेस्ट्रोल –
पिस्ता में कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम करने वाले तत्व फायटोस्टेरॉल्स सबसे अधिक होते हैं। बिना नमक वाले पिस्ता ही लाभ करते हैं। जानिए – कोलेस्ट्रॉल के लक्षण