सुबह जल्दी क्यों उठना चाहिए –
सुबह जल्दी उठना शायद सबको अच्छा लगता है, लेकिन हमारी अव्यवस्थित दिनचर्या हमें इस सुख से रोज वंचित कर देती है। जबकि सच तो यह है कि ब्रह्म मुहूर्त (प्रातः सूरज निकलने से लगभग पौने दो घण्टे पहले) के समय व्यायाम, प्राणायाम एवं ध्यान करने से मन मस्तिष्क में ताजगी एवं ऊर्जा का प्रवाह होता है।
यह वास्तव में अमृत वेला का प्रहर होता है। इसमें शरीर की आन्तरिक ऊर्जा स्फुटित होती है। स्वस्थ, निरोग एवं दीर्घायु बनाये रखने का खजाना इस अमृत वेला में छिपा हुआ रहता है।
सुबह जल्दी उठने के स्वास्थ्य लाभ एवं फायदे –
1. सुबह जल्दी उठकर दाँत साफ़ करने के स्वास्थ्य लाभ –
सुबह शुद्ध शहद खाने के गुण में नमक एवं जरा सी हल्दी मिलाकर दाँत साफ करने या नीम, बबूल आदि के दाँतुन से दाँत साफ करने या केवल नीम के पत्तों को चबाकर उससे दाँतों को रगड़ने से न केवल दाँत निरोगी एवं मजबूत होते हैं बल्कि थके, परेशान दिमाग को नई ऊर्जा मिलती है, आँखों में ताजगी भी महसूस होती है।
2. सुबह जल्दी उठके खाली पेट पानी पीने के स्वास्थ्य लाभ –
सुबह खाली पेट मिट्टी अथवा ताँबे के पात्र में रखे हुए पानी के 2-3 गिलास, तुलसी के पत्ते के फायदे 2-3 टुकड़े (बिना चबाए) पीने से पेट साफ और रक्त को शुद्ध करने में मदद मिलती है। यह ऑक्सीजन एवं ऊर्जा को रक्त के द्वारा कोशिकाओं तक प्रभावी रूप से पहुँचाता है। शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, मन मस्तिष्क को भी ठण्डा रखने का प्रभावी उपाय भी है।
पर्याप्त पानी पीने से कमजोर माँसपेशियों मजबूत होती हैं। पाचन सम्बन्धी सभी अवयव पर्याप्त कार्य करते हैं जिससे स्वाभाविक भूख लगती है। पाचन, चयापचय एवं शरीर से मल विसर्जन की प्रक्रिया को गतिशील बनाने में भी पानी बेहद सकारात्मक भूमिका निभाता है।
यदि रात को पानी में सोने, चाँदी के टुकड़ों को डाल दिया जाये तो यह पानी और भी प्रभावी होता है। लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से आजकल यह जोखिम भरा काम होगा। दूसरी और गरीब जनता को साफ पानी ही समय से मिल जाये वह ही गनीमत है।
3. सुबह जल्दी उठकर व्यायाम करने के स्वास्थ्य लाभ –
सुबह-सवेरे ताजी हवा में रोगानुसार योगाभ्यास, प्राणायाम तथा ध्यान करने से विशुद्ध ऑक्सीजन (प्राण वायु) शरीर में पहुँचकर हीमोग्लोबिन (रक्त के लाल कण) शरीर को ऊर्जावान बनाती है।
प्रातःकाल ताजी हवा में जीवनी शक्ति के अनुरूप व्यायाम करने, उछलने- कूदने, दौडने, तेज चलने और टहलने से शरीर को प्रचुर मात्रा में ओजोन (प्राण शक्ति) मिलती है, शरीर में वात गतिमान होता है एवं आन्तरिक शोधन प्रक्रिया तेज होती है। सुबह टहलने से फेफड़े मजबूत होते हैं।
मजबूत तथा गतिशील फेफड़ों में वायु अधिक पहुँचती है और रक्त को शुद्ध करने की गति तेज होती है। टहलने से न केवल हाथ पैरों में ताकत एवं स्फूर्ति आती है, बल्कि मस्तिष्क को भी ऊर्जा मिलती है, पाचन शक्ति मजबूत होती है, समय से भूख लगती है, भोजन पचने में आसानी होती है, पेट की कमजोरी जैसे अजीर्ण एवं मंदाग्नि भी दूर होती है |