मानव शरीर में लौह की मात्रा
शरीर में स्थित समस्त लौह का लगभग 70 प्रतिशत भाग रक्त के लाल कणों में हिमोग्लोबीन के एक भाग के रूप में होता है। शरीर में चलने वाली उपचयन को क्रिया (Oxidation) इन लाल कणों पर ही आधारित होती है।
20 प्रतिशत लौह यकृत में संचित रहता है। इसके अलावा स्नायओं में भी लौह सामान्य हीमोग्लोबिन का स्तर के रूप में विद्यमान है। लौह सीरम ट्रान्सफरिन और कुछ एंन्जाइमों में भी पाया जाता है। शरीर के प्रत्येक कोष को फेफड़ों से प्राणवायु की पूर्ति करने के लिए लौहतत्त्व आवश्यक होता है। कोषों की श्वसनक्रिया के लिए भी यह जरूरी तत्त्व है। लौह की कमी से पांडुरोग होता है।
विटामिन ‘सी’ और ‘ई’ की कमी के कारण लाल कण नष्ट हो जाते हैं। ऐसी हालत में शरीर को अधिक लौह की आवश्यकता होती है। शरीर के लिए प्रतिदिन कम से कम बारह मि.ग्रा. लौह आवश्यक होता है, किन्तु गर्भावस्था में लौह की आवश्यकता काफी बढ़ जाती है।
शरीर में लौह की मात्रा बढ़ाने के लिए निम्न चीज़ो का सेवन लाभदायक है
हरे पत्तेवाले सागों (विशेष रूप से मेथी एवं पोदीना), कच्चे आम, पिंड खजूर खाने के फायदे, तिल, बाजरा, चना, सोयाबीन, मूंग, उड़द, पिस्ता खाने का फायदा आदि में लौह पर्याप्त मात्रा में होता है।