पेट पर मिट्टी लगाने के फायदे
कहने को तो साधारण सी चीज़ है किन्तु इसके गुण अपने आप में ही किसी संजीवनी से कम नहीं है | कभी अपने विचार किया है की सारी सब्जियों एवं फलों की उत्पत्ति तो मिट्टी से ही होती है | आयुर्वेदिक औषधियों का मूल ठिकाना भी तो ये साधारण सी मिट्टी ही है | प्राकर्तिक चिकित्सा में इसकी बड़ी महत्ता है |
गाँधी जी पेट पे लगते थे मिट्टी की पट्टी
आपको ये जानकर बड़ी हैरानी होगी के गाँधी जी भी मिट्टी का उपयोग कब्ज़ की समस्या दूर करने के लिए इस्तेमाल करते थे | गाँधी जी को कब्ज़ की समस्या बढ़ी परेशान करती थी | देश और दुनिया के बड़े डॉक्टर को दिखाने के बाद भी उनकी इस समस्या का कोई समाधान न मिला | फिर गाँधी जी को मिट्टी के बारे में किसीने बताया और यकीन मानिए जो काम बड़े बड़े डॉक्टर नहीं कर पाए वे काम एक साधारण सी मिट्टी ने कर दिया |
यु तो मिट्टी हर तरह से रोग में कारगर है किन्तु कुछ विशेष रोगो में इसके अच्छे परिणाम देखे गए है | जैसे की –
कई रोगों में फायदेमंद मिट्टी की पट्टी –
1. हर्निया रोग –
मिट्टी को गर्म पानी में भिगोकर उसे एक पत्थर पर बेलें ताकि गर्मी निकल जाए। फिर उसे एक कपड़े के टुकड़े में बांधकर उसे हर्निया की जगह पर रखें। मिटटी की पट्टी हर्निया की सूजन कम करती है | जानिए – पिप्पली से हर्निया का उपचार
2. कब्ज़ –
कब्ज़ का मुख्य कारण पेट के गर्मी है | मिट्टी इस अनियंत्रित पेट की गर्मी को मध्यम कर पाचन तंत्र को मजबूत करती है एवं पेट को साफ़ कर कब्ज़ से राहत प्रदान करती है | पढ़िए – कब्ज़ में क्या नहीं खाए
3. उच्च रक्तचाप –
मिट्टी की पट्टी उच्च रक्तचाप को कम करने में एक बेहतर विकल्प है | इसे पेट पे लगाने से रक्त की गर्मी का ताप नियंत्रित होता है जो की उच्च रक्तचाप के लक्षण व उपचार का महत्वपूर्ण कारण है
4. चर्म रोग –
कुछ विशेष प्रकार की मिट्टी, जैसे कि मलाई मिट्टी (फुलर्स एर्थ), त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकती है। इससे त्वचा की सफाई होती है और इसमें मौजूद खनिज स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
5. डायबिटीज –
- रक्त शुगर को नियंत्रित करना: मिट्टी की पट्टी को रक्त शुगर को कंट्रोल करती है। इसके लिए पेट पर पट्टी लगाने से रक्त का प्रवाह बढ़ है और शरीर के ऊर्जा स्तर को संतुलित रखने में मदद मिलती है |
- मिट्टी की पट्टी से डायबिटीज से प्रभावित होने वाली न्यूरोपैथी (नसों का कमजोर होना) को कम करने में मदद मिलती है |
- रक्त संचार को बढ़ावा देना: मिट्टी की पट्टी शरीर में रक्त संचार को बढ़ाकर रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करती है |
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7. लिवर के रोग –
लिवर के रोग के लिए तो मिट्टी की पट्टी एक महत्वपूर्ण उपचार के रूप में सीधी हुई है | लिवर के रोगियों को कब्ज़ की समस्या अधिक परेशान करती है | पेट पे मिट्टी लगाने से न सिर्फ कब्ज़ की समस्या दूर होती है अपितु लिवर में पड़ी हुई गर्मी भी दूर होती है
8. गुर्दा रोग –
मूत्र आवृत्ति को बढ़ावा देना:
- मिट्टी की पट्टी का उपयोग के रोगीयों के लिए मूत्र आवृत्ति को बढ़ाने के काम में लिया जाता है। यह गुर्दे को साफ और स्वस्थ रखने में मदद करती है |
- गुर्दे के इंफेक्शन को कम करना: मिट्टी की पट्टी में विशेष खनिजों और आयुर्वेदिक गुण हो सकते हैं जो गुर्दे के इंफेक्शन को रोकने में मददगर है
9. मानसिक रोग –
शांति और स्थिरता का अनुभव: मिट्टी की पट्टी का इस्तेमाल करने से शांति और स्थिरता का अनुभव होता है। यह मानसिक स्थिति को स्थिर और संतुलित करने में मदद कर करती है।
– तनाव कम करना:
मिट्टी का संपर्क मानसिक तनाव के लक्षण को कम करने में मदद करता है और मानसिक चिंताओं को दूर करने में सहायक है।
– ध्यान और मनोनिग्रहण:
मिट्टी की पट्टी को ध्यान और मनोनिग्रहण का एक साधन माना जा सकता है। इसका इस्तेमाल ध्यान और मनोनिग्रहण की प्रक्रिया में साथ देने के लिए किया जा सकता है।
– मानसिक संतुलन को संरक्षित करना:
मिट्टी की पट्टी का इस्तेमाल मानसिक संतुलन को संरक्षित करने में मददगर है और व्यक्ति को स्थिति को सामान्य करने में मदद कर सकता है।
– संजीवनी शक्ति को बढ़ाना:
कुछ लोग मानते हैं कि मिट्टी की पट्टी का उपयोग मानसिक स्वास्थ्य को संजीवनी शक्ति प्रदान करने में मदद कर सकता है।