चेहरे पर मलने लायक मात्रा में तिल का तेल+दूध+पिसी हल्दी मिलाकर, हल्का-सा गर्म करके चेहरे पर मलने से कील, मुँहासे मिट जाते हैं।
मुँहासे
सर्दी के मौसम की ठंडी हवाओं से त्वचा सूखी, रूखी होकर फट जाती है, तेज खुजली चलती है। तिल के तेल की मालिश करके गर्म पानी से स्नान करने से त्वचा में आये ये विकार दूर हो जाते हैं।
सर्दियों में अंगुलियों में सूजन आ जाती है। तिल या सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर गर्म करें तथा रात को इस तेल को अंगुलियों पर लगाकर मोजे पहन कर सो सूजन मिट जायेगी।
अंगुलियों में सूजन
सर्दी के मौसम में जुकाम हो जाए और ठण्ड के कारण बदन में दर्द हो तो 50 ग्राम तिल या सरसों के तेल में 5 ग्राम कपूर मिलाकर छाती और गले पर मलने से बहुत आराम मिलता है।
जुकाम
नित्य दो चम्मच तिल चबा-चबा कर खायें। बवासीर में लाभ मिलेगा |
तिल या सरसों का तेल नाक में लगाकर या कुछ बूँदें डालकर सूंघने से सिरदर्द बन्द हो जाता है।
सिरदर्द
सिर के जिस आधे भाग में दर्द हो उस नथुने में 8 बूंद तिल या सरसों का तेल डालकर सूँघने से आधे सिर का दर्द शीघ्र बन्द हो जाता है। यह प्रयोग चार-पाँच दिन करें।
आधे सिर का दर्द
घमौरियाँ गर्मी में शरीर पर होती हैं। चार चम्मच तिल या सरसों के तेल में एक चम्मच पानी मिलाकर फैंट कर शरीर पर तीन दिन नित्य मलने से ठीक हो जाती है।