चावल –
अनाजों में सर्वश्रेष्ठ सुपाच्य अनाज चावल है। इसमें आलू की तरह ही 7% के करीब उच्च कोटि का प्रोटीन एवं विशेषकर विटामिन-बी काम्प्लेक्स बुहत अधिक होता है जो दिमाग एवं स्नायुशक्ति (Nervous System) को सुदृढ करते हैं। चावल अन्य अनाज, दालों के मुकाबले कम अम्लकारक होते हैं।
चावल की प्रकृति –
गेहँ, दालें जहाँ उत्तेजक आहार है वहीं चावल, आलू अनुत्तेजक हैं। चावल का उपयोग करने वाले सभी देश एवं वर्ग शान्तिप्रिय होते हैं बशर्ते उनके भोजन में माँसाहार न हो। इनमें लड़ाकू प्रवृत्ति नहीं होती। जापान, चीन, मलेशिया, नेपाल, असम, बंगाल, दक्षिण भारत के लोग इसके प्रमाण हैं। गेहूँ माँसपेशियों एवं ताकत से सम्बन्धित है, चावल दिमाग एवं स्नायु से सम्बन्धित है।
चावल के साथ भूल के भी नहीं खाएं ये चीज़े –
खट्टे फल, निम्बू खाने के फायदे, इमली, टमाटर एवं सभी प्रोटीन युक्त खाद्य – दही, अंडे, माँस, मछली, पनीर, मेवे, सोयाबीन इत्यादि चावल के पाचन में बाधक हैं। इसे भी आलू की तरह अकेले या केवल सलाद और हरी सब्जियों के साथ ही उपयोग करना चाहिए। कभी-कभार यह कच्चा नारियल खाने के फायदे, केले, आलू, दालें एवं सूखे फलों के साथ खाया जा सकता है।
चावल चबा कर खाना क्यों जरूरी है?
शत-प्रतिशत लोग चावल भूलकर भी नहीं चबाते। इसे हमेशा पतली दाल, कढ़ी, तरी वाली सब्जी के साथ पेट में सीधा उड़ेल देते हैं। चावल और सभी अनाज जब तक अच्छी तरह मुँह मे चबा लिए नहीं जाते तब तक कभी पूरी तरह नहीं पचते। इसलिए चावल खाने ही हैं तो चबाने के लिए तैयार हो जायें, अन्यथा खाना ही भूल जायें।
चावल खाएं रोग भगाएं
कैंसर रोग में चावल का उपयोग —
प्राकृतिक आहार पर 2-3 महीने रहने के बाद आलू के बाद अनाज वर्ग में चावल ही एकमात्र ऐसा अनाज है, जो, सुरक्षित रूप से कैंसर रोगों में उपयोग किया जा सकता है। आंत्रशोथ (Colitis) अल्सर, दस्त, पेचिश इत्यादि रोगों में दूसरे अनाज त्याग कर, चावल का आसानी से उपयोग किया जा सकता है।
मधुमेह रोग में चावल का उपयोग –
मधुमेह के रोग में आलू के बाद अनाजों में केवल चावल ही ऐसा अनाज है जो लाभदायक है बशर्ते चावल के साथ आलू एवं दूसरे कोई अनाज नहीं हों।
मधुमेह के लक्षण में इसका उपयोग रक्त शर्करा सामान्य होने के बाद ही करना चाहिए। चौकिये मत! विश्व के अधिकतम चिकित्सक चावल, आलू, मीठे फलों का विरोध करते हैं, जो रक्त शर्करा बढ़ी होने पर उचित है। परन्तु रक्त शर्करा सामान्य होने के बाद भोजन में फल-सलाद तथा व्यायाम की मात्रा अधिक बढ़ जाने पर यही उपरोक्त आहार सुरक्षित है, जिससे चिकित्सक वर्ग अभी तक अंजान है |
मैं सैकड़ों मरीजों पर सफल प्रयोग कर यह सच्चाई सिद्ध कर चुका हूँ। पॉलिश वाले चावल जहाँ मधुमेह रोग बढ़ाते हैं वहीं बिना पॉलिश वाले चावल शर्करा कभी नहीं बढ़ाते। इसका वैज्ञानिक कारण सिर्फ इतना ही है कि चावल में पानी की मात्रा अधिक होने तथा प्रोटीन कम होने के कारण शीघ्र पचता है। यह पाचन अंगों पर बोझ नहीं डालता।
दूसरा कारण, यह हमेशा आटे के रूप में न खाया जाकर पूर्ण अन्न के रूप में खाया जाता है। इसमें पौटेशियम एवं अन्य क्षार दूसरे अनाज के मुकाबले अधिक हैं। यह फल-मेवों की तरह नरम (Soft) और सुपाच्य अनाज है। यह कम अम्लकारक है।
चावल पकाने की सही विधि
- चावल प्रेशर कुकर में पकाना ही सर्वश्रेष्ठ है।
- चावल मसलकर कभी नहीं धोयें। पानी में डालकर हिलाते हुए निकाल दें |
- जितना चावल हो उससे दुगुना पानी बर्तन में डालकर कुकर में रख दें।
- बिना पॉलिश के चावल सामान्य चावल से देर से पकते हैं इसलिए 3-4 सीटी अधिक दें। 2-3 घण्टे पहले भिगोकर रखने से जल्दी पकते हैं। कुकर न होने पर इसको इतने ही पानी में पकायें जिससे कि पूरा पानी इसी में जज्ब हो जाये। माँड को भूलकर भी नहीं निकालें। वही इसकी जान होती है।
- चावल को बनाने के 5-6 घण्टे पहले अवश्य भिगो दें, इससे यह शीघ्र पकते और पचते हैं।
- चावल दाल के साथ नहीं, सलाद और सब्ज़ी के साथ या अंकुरित के साथ खाएं |