लेटिन नाम – फोनिक्स सिल्वेस्ट्रिस
खजूर की तासीर –
तर और गर्म
पिंड खजूर खाने के फायदे –
खजूर में शक्कर की मात्रा अधिक होती है जो सरलता से पच जाती है, मोटापे का इलाज | यह चीनी से अधिक लाभदायक होती है | खजूर हमेशा धोकर खाना चाहिए है | दूध और खजूर दोनों को साथ खाने से पुरे भोजन की तृप्ति हो जाती है | गर्भावस्था में नित्य खजूर खाने से गर्भस्थ शिशु स्वास्थ्य और सुन्दर होता है, लेकिन सर्दी का मेवा खजूर सर्दी के मौसम में ही खाये | खजूर खाने से बच्चो के दांतो में कीड़ा नहीं लगता | खजूर से एक प्रकार का रस निकलता है जिससे ‘नीरा’ या तोड़ी कहते हैं | नीरा लोग पीते हैं | नीरा में विटामिन ‘बी’ और ‘सी’ पर्याप्त मात्रा में होता हैं | टी.बी. में नीरा पीने से लाभ होता हैं |
सर्दी से बचाव – दमा, खाँसी आदि श्वास तंत्र के रोगी शीतकाल में खजूर खाकर गर्म दूध पियें | दूध में उबालकर भी खजूर खा सकते हैं | सर्दी के प्रभावों से बचाव होगा और इसे आप अच्छा टॉनिक पायेंगे | पिण्डखजूर सूख जाने पर छुहारा बन जाता हैं
शक्तिवर्धक – खजूर सबसे पौष्टिक व शक्तिवर्धक होता है | लोग शारीरिक शक्ति के लिए खजूर का सेवन करते है | रक्ताल्पता (एनीमिया) रोग में खजूर खाने से बुहत लाभ होता है | साइटिका डाइट में खजूर बहुत लाभ पहुँचाता है | बुद्धिजीवों के लिए खजूर बुहत गुणकारी होता है क्यूंकि खजूर के सेवन से मस्तिष्क को बुहत पौष्टिक तत्व मिलते है | आधुनिक परिवेश में जो युवक अलप आयु में भोग-विलासी होकर शारीरिक निर्बलता के कारण नपुंसक हो जाते है, उन्हें खजूर खाने से पौरुष शक्ति मिलती है | आठ खजूरों पर पीसी दालचीनी अलप मात्रा में बुरकाकर खाये और गर्म दूध पियें | खजूर या पिण्डखजूर एक ही वस्तु है | पिण्डखजूर में 85 % शक्कर होती है | यह शीतल-तर गुणों वाला है |
तीन खजूर, 5 बादाम गिरी, दस मुनक्का के बीज और बादाम के छिलके हटाकर सबको बारीक़ पीसकर एक गिलास दूध में उबालें | इसमें शक्कर मिलाकर दूध पियें | इससे शरीर में ताकत, स्फूर्ति आयेगी |
खजूर एक बार में दो से आरम्भ करें और धीरे-धीरे संख्या बढ़ाते हुए दस तक ले सकते हैं | प्रारम्भ में ही अधिक मात्रा में खाने से शरीर में गर्मी बढ़ जायेगी | गन्ने के गुड़ की अपेक्षा में पिण्डखजूर का गुड़ अधिक लाभदायक हैं |
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जुकाम – पाँच पिण्डखजूर (बिना गुठली वाले) के छोटे-छोटे टुकड़े करके एक गिलास दूध में डालें | इसमें पाँच काली मिर्च, एक छोटी इलायची के दाने कूट कर डालकर उबालें | उबलने के बाद एक चम्मच देशी घी डालकर दूध को उलट-पुलट करके नित्य रात को सोते समय पियें | इससे शरीर में ताकत आयेगी, जुकाम, खाँसी ठीक हो जायेगा |
जुकाम, कंठील में सूजनम यकृत, छाती के रोग, चेचक, सर्दी के मौसम के रोगों में यह लाभदायक हैं | पिण्डखजूर दूध में उबालकर खाये और दूध पियें | पिण्डखजूर सबसे सस्ता हैं पौष्टिक मेवा है | खजूर खाकर तुरंत पानी पियें |
शीघ्रपतन – खजूर और बादाम दूध में उबालकर खाने से शीघ्रपतन ठीक होता है | आठ पिण्डखजूर (गुटली रहित) पर चौथाई चम्मच पीसी दालचीनी डालकर खाये और साथ-साथ गर्म दूध पिटे जायें | मर्दानशाक्ति बढ़ेगी | यह प्रयोग सर्दी के मौसम में करें | खजूर धातुवर्धक है | जो युवक अपने ही हाथों कामवेश से असमय ही वीर्य नष्ट कर देते हैं हस्तमैथुन और स्वपनदोष से यौन दुर्बलता अनुभव करते हैं उनके लिए खजूर का सेवन लाभदायक हैं
ज्वर के बड़ा की कमजोरी दूर करने के लिए ऊपर बताये खजूर, दूध में चौथाई चम्मच पीसी सौंठ, दूध मुनक्का उबालकर उसमें एक चम्मच घी मिलाकर खजूर और मुनक्का खाकर ये दूध नित्य रात को पियें |
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मोटापा बढ़ाना – 5 खजूर और एक मुठ्ठी काले चने धोकर रात को थोड़े से पानी में भिगोकर प्रातः खायें, मोटापा बढ़ेगा, कमजोरी दूर होगी |
घुटने का दर्द – रात को बीस ग्राम खजूर, आधा गिलास पानी में भिगोकर रखें, सुबह निराहार मुँह से चबा कर खाएँ और पानी भी पी जायें |
मासिक रसाव बन्द – नित्य पिण्ड खजूर खाते रहने से बन्द हुआ मासिक रसाव, देर से आने वाला मासिक रसाव, रुक-रुक कर आने वाला मासिक रसाव आरम्भ हो जाता हैं और नियमित आता हैं |
हिचकी, पथरी, खाँसी, जुकाम हो तो खजूर, एक गिलास पानी, आधा चम्मच पीसी हुई दाना मेथी मिलाकर, उबालकर एक बार नित्य सुबह पियें | साथ में खजूर खा जायें लाभ होगा |
दस्त – 5 खजूर खाकर एक घंटे बाद थोड़ा-थोड़ा पानी पियें | तीन घंटे बाद फिर इसी तरह से तीन बार नित्य लें | दस्त में लाभ होगा |
खजूर पीसकर, शिशुओं को चटाने से दाँत निकलते समय होने वाले दस्त में लाभ होता हैं |
शराब के दुष्प्रभाव – खजूर पीसकर ताज़े पानी में घोलकर नित्य पीने से शराब के दुष्प्रभाव दूर हो जाते हैं | पढ़िए – दारू कैसे छुड़ाएं
दमा, खाँसी – नित्य आठ पिण्डखजूर खाकर गर्म पानी पियें | इससे कफ पतला होकर बाहर निकल जाता हैं, रक्त शुद्ध होता हैं | जुकाम, खाँसी, दमा में लाभ होता हैं | दूध उबालकर भी लें सकते हैं |
गर्भवस्था, दूध वृद्धि – गर्भवस्था में खजूर खाना लाभप्रद हैं | इससे गर्भशय की माँसपेशिया मजबूत होती हैं, प्रसव के समय फैलाव में सहायता मिलती हैं, प्रसव के बाद रक्तरसाव कम होता है | स्तनों में दूध बढ़ता हैं | खजूर दूध में उबालकर नित्य खली पेट सुबह खाये जायें तो शरीर में नया उत्साह, स्फूर्ति, बल, प्रेरणा उजागर होगी जो दैनिक कार्यो में आशातीत सफलता हैं